क्या होगा यदि तेजी से होते हुए जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी पर मौजूदा सारी बर्फ रातोंरात पिघल जाए और सुबह आप अपने को पानी में डूबता हुआ पाए| तो आप को अपनी ज़िंदगी के आखिरी पल अपनी आँखों के सामने देख कर कैसा लगेगा?
लेकिन घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह रातोंरात नहीं होने वाला| बर्फ हमारी पृथ्वी के 80 लाख वर्ग मील क्षेत्रफल पर फैली हुई है| यदि सारी बर्फ रातोंरात पिघल जाएगी तो वैश्विक समुद्र का स्तर लगभग 230 फीट बढ़ जाएगा और सभी सात महाद्वीप आंशिक रूप से पानी के नीचे डूब जाएंगे।
पिघली हुई बर्फ वायु में कार्बन-डाई ऑक्साइड (CO2) गैस छोड़ेगी जिससे पर्यावरण में ऑक्सीजन (O2) की मात्रा कम होने लगेगी और जीव-जातियों को सांस लेना मुश्किल हो जायेगा |
समुद्र के स्तर में वृद्धि से समुद्री धाराओं में भी परिवर्तन होगा, जिसके परिणामस्वरूप रेगिस्तानी क्षेत्रों में भारी वर्षा और उन क्षेत्रों में सूखापन होगा, जिनमें आमतौर पर भारी वर्षा होती है। जिसके कारण कृषि पर इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ेगा जोकि वैश्विक अकाल का कारण बनेगा।
भारी वर्षा के साथ-साथ आने वाली बाढ़ और भारी चक्रवात हमारे मानव जीवन को अस्त-व्यस्त कर के रख देंगे जिससे मानव जाती का इस पृथ्वी पर से अस्तित्व समाप्त हो जायेगा| अगर पूरी तरह से नहीं हो पाए, तो बचे हुए लोग नए घरों की तलाश में दुनिया भर में पलायन करेंगे।
हम भाग्यशाली है कि बर्फ रातोंरात नहीं पिघल सकती लेकिन अगर हम पर्यावरण के साथ बुरा-बर्ताव करना बंद नहीं करेंगे तो वह दिन दूर नहीं जब पूरी पृथ्वी पानी में समा जाएगी और जीवन का नामों-निशान तक नहीं बचेगा|
हिन्दी अनुवाद: कार्तिकेय शुक्ला, प्रेरणा सिंह, प्रणव खत्री, मृगशिरा त्रिपाठी
मुख्य लेखक:प्रेरणा सिंह
शुभकामनाएं एवं बधाईयां, बहुत ही अच्छा प्रयास है ।